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नए साल के पहले दिन महाआस्था ने महाकाल को नवाया शीश, दो दिन में 10 लाख लोग पहुंचे
उज्जैन । ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में नए साल के पहले दिन सोमवार को महाआस्था ने महाकाल को शीश नवाया। दिनभर में सात लाख से अधिक भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। 31 दिसंबर को तीन लाख से अधिक श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंचे थे। मंदिर प्रशासन के अनुसार दो दिन में 10 लाख से अधिक भक्तों ने भगवान के दर्शन किए हैं। दर्शनार्थियों की यह संख्या पिछले साल के मुकाबले दो गुना है।
साल 2022 में 31 दिसंबर को डेढ़ लाख तथा 1 जनवरी 2024 को पांच लाख भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए थे। बीते वर्ष के मुकाबले भक्तों की संख्या दो गुना होने के बावजूद सोमवार को श्रद्धालुओं को मात्र 50 मिनट में सुविधा पूर्वक भगवान के दर्शन हुए।
मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया मध्यप्रदेश शासन द्वारा शक्तिपथ, श्री महाकाल महालोक, मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर तथा टनल-1 व 2 के रूप जो निर्माण कार्य कराए गए हैं, वे वरदान साबित हो रहे हैं। नए साल के पहले दिन इसी मार्ग से हजारों भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया गया था।
इस व्यवस्था से दर्शनार्थियों ने बिना किसी परेशानी के मात्र 40 से 50 मिनट में भगवान महाकाल के दर्शन किए। महाशिवरात्रि पर भक्तों की संख्या इससे अधिक रही तब भी इतने ही समय में भगवान के दर्शन कराए जाएंगे।
अधोसंरचना का आधी क्षमता से ही उपयोग
मंदिर प्रशासक ने बताया नए साल के पहले दिन मौजूदा अधोसंरचना का आधी क्षमता से ही उपयोग किया गया है। वर्तमान में गणेश मंडपम में 14 लाइन बैरिकैडस लगे हैं, लेकिन नए साल के पहले दिन इनमें सिर्फ सात लाइन चलाई गई। सोमवार को 7 से 8 लाख भक्त मंदिर पहुंचे थे। मौजूदा क्षमता 15 से 20 लाख भक्तों को प्रतिदिन दर्शन कराने की हो गई है। सिंहस्थ 2028 में इन संसाधनों का पूरी क्षमता से उपयोग किया जाएगा।
मंदिर के आसपास दो किमी क्षेत्र में जनसैलाब
देशभर से आए हजारों श्रद्धालुओं के कारण मंदिर के आसपास करीब दो किलोमीटर क्षेत्र में जाम की स्थिति रही। गोपाल मंदिर, छत्रीचौक, तेलीवाड़ा, दौलतगंज चौराहा तक दिनभर यातायात प्रभावित हुआ। इससे लोगों को आवागमन में खासी परेशानी हुई। बाहर से आए यात्री वाहनों के कारण मंदिर के आसपास की सभी पार्किंग फुल हो गई थी। प्रशासन ने जनसुविधा की दृष्टि से पार्किंग स्थल से चारधाम मंदिर तक निशुल्क बस सुविधा उपलब्ध कराई।